फाइनेंशियल शेयर: क्यों वित्तीय शेयरों पर फिदा हैं विदेशी निवेशक?
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बीते महीने भारतीय शेयर बाजारों में ग्रोथ पर जोर देने वाले बजट, दिसंबर तिमाही के उम्मीद से बेहतर नतीजों और बैंकिंग के लिए बड़े ऐलानों के चलते दमदार तेजी देखने को मिली. विश्लेषकों का कहना है कि बैंकिंग शेयरों में अधिक निवेश रहा, जिनमें विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी कई साल के निलचे स्तरों पर है.
आईआईएफएल ऑल्टरनेटिव रिसर्च के वाइस प्रेसीडेंट श्रीराम वेलायुधन ने कहा, “विदेशी निवेशक बीते महीने वित्तीय शेयरों के बड़े खरीदार रहे. हम इस बात से हैरान नहीं होंगे कि सरकारी बैंकों में बड़ी हिस्सेदारी रहे. बीते एक साल में विदेशी निवेशकों ने वित्तीय शेयरों में $7.9 अरब का निवेश किया है.”
एडलवाइज ऑल्टरनेटिव रिसर्च के वरिष्ठ प्रबंधक अभिलाष पगारिया ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो में सरकारी बैंकों को शामिल किया होगा. बैंक निफ्टी ने फरवरी में 14 फीसदी तक की तेजी दिखाई.
पगारिया ने कहा, “कई विदेशी और अन्य निवेशकों ने सरकारी बैंकों में निवेश किया होगा. तीसरी तिमाही में एसेट क्वालिटी, ग्रोथ और मुनाफा क्षमता में सुधार के चलते एसबीआई के शेयरों में जोरदार उछाल दर्ज किया. बैड बैंक, पुन: पूंजीकरण और निजीकरण इस बैंक की चमक बढ़ सकता है.”
सरकारी बैंकों की वैल्यूएशन काफी किफायती है. एडलवाइड ऑल्टरनेटिव रिसर्च के अनुसार, विदेशी निवेशकों के कुल एयूएम में बैंकिंग और वित्तीय शेयरों की हिस्सेदारी 34.8 फीसदी तक पहुंच चुकी है, जो जनवरी में 33.8 फीसदी थी. विदेशी निवेशकों ने ऑयल एंड गैस, टेलिकॉम और बीमा सेक्टर्स में भी पैसा डाला.
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