On Mohini Ekadashi There Is A Tradition Of Worshiping Lord Vishnu Tulsi And Peepal Get Full Benefit Of The Fast
[ad_1]
Mohini Ekadashi 2021 Puja Vidhi: पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं. इस बार चूंकि एकादशी तिथि दो दिन पड़ रही है. इस लिए उदयातिथि की परंपरा के अनुसार इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाना चाहिए. एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इससे व्यक्ति को बहुत शुभ लाभ प्राप्त होता है. भगवान विष्णु व्रतधारी की मनोकामना पूरी करते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. जिन लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है. उन्हें धन-दौलत और वैभव की कभी कमी नहीं होती.
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी और पीपल के वृक्ष की पूजा करने से मोहिनी एकादशी व्रत का पूरा लाभ मिलता है. धार्मिक मान्यता है कि पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है और तुलसी को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना गया हैं. मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी और पीपल के वृक्ष की पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जाती है. इसके साथ ही घी का दीपक भी जलाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी प्रकार की मनोकामनायें पूरी होती है.
एकादशी के दिन पीपल पूजा: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पीपल की पूजा का विशेष महत्त्व है. इस दिन गंगाजल में कच्चा दूध और तिल मिलकर पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए. इससे भगवान विष्णु खुश होते है और पितृ भी तृप्त होते हैं.
तुलसी पूजा: दूध और गंगाजल मिलाकर भगवान शालीग्राम का अभिषेक करें. इसके बाद पूजन सामग्री भी चढ़ाएं. अभिषेक किये हुए जल का कुछ भाग खुद पियें और शेष भाग तुलसी पर चढ़ाएं. इसके बाद माता तुलसी की हल्दी, चंदन, कुमकुम, अक्षत, फूल और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाकर तुलसी माता की पूजा करें.
धार्मिक मान्यता है कि जितना पुण्य हर तरह के दान और कई तीर्थों के दर्शन से मिलता है, उसके बराबर पुण्य वैशाख महीने की इस एकादशी पर जलदान से मिल जाता है. इसलिए इस दिन तुलसी और पीपल को जल चढ़ाना चाहिए.
[ad_2]
Source link